राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन: आकर्षक राखियां बना रही महिलाओं की टोलियां : News & Features Network

मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जनपद में बनाए गए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं राखी बना रही हैं। ६२ समूहों की ३५० महिलाएं इस कार्य में जुटी हैं।
मोती, धागा, धातु, गोबर और प्लास्टिक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की राखियां बनाई जा रही हैं। उन्होंने लोगों से विदेशी सामान का बहिष्कार कर देशी समान की खरीदारी करने की अपील की है। जनपद की स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं देशी उत्पाद बनाने में लगी हुई है। पहले गुड़ निर्माण के साथ पैकिग करने का कार्य किया।
इसके बाद मसाले की थैलियां तैयार कीं और साथ ही परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म भी तैयार कर वितरित कराई। अब समूह की महिलाओं ने राखी निर्माण का कार्य कर रही हैं।
विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी ३५० महिलाएं इस कार्य में जुटी हैं। उन्होंने अधिकारियों को सैंपल भी भेजे हैं। साथ ही ब्लॉकवार राखियों की प्रदर्शनी लगाने की कार्ययोजना तैयार की है।
अहम बात यह है कि राखी घरों में प्रयोग होने वाले सामान से बनाई जा रही हैं। राखी की कीमत १० से लेकर ५० रुपये तक रखी गई है। समूह से जुड़ी राधा रानी, बिमला देवी, सुलेखा आदि ने बताया कि उनका मकसद स्वदेशी को बढ़ावा देना है। राखियों की बिक्री से आय भी बढ़ रही है। खतौली व चरथावल ब्लॉक में प्रदर्शनी लगानी शुरू कर दी है।
राखी पर्व से पहले सभी ब्लॉक में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। सीडीओ आलोक कुमार यादव, डीआरडीए के परियोजना अधिकारी जय सिंह यादव, कृषि रक्षा अधिकारी पवन कुमार विश्वकर्मा ने महिला समूहों को राखी निर्माण करने पर बधाई दी है।
सीडीओ का कहना है कि समूहों से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। प्रशासन की ओर से उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत करने के लिए जनपद में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया, जिनकी प्रभारी महिलाएं ही हैं।
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