Ram mandir Bhumipujan invitation send to former babri masjid litigant iqbal ansari| जिसकी पीढ़ियों ने लड़ी बाबरी मस्जिद की लड़ाई, उसे मिला भूमिपूजन में शामिल होने का न्यौता

अयोध्या: राम मंदिर भूमिपूजन 5 अगस्त को एक भव्य कार्यक्रम के दौरान होने जा रहा है. इसी के साथ ही राम मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा. इस शुभ घड़ी पर उन सभी को निमंत्रण भेजा गया है, जो इस आंदोलन से जुड़े रहे हैं. खास बात ये है कि भूमिपूजन के लिए न्यौता बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी को भी दिया गया है. इकबाल अंसारी ने पहले भी कहा था कि अगर उन्हें भूमिपूजन के कार्यक्रम में बुलाया जाएगा, तो वे जरूर जाएंगे.
इकबाल अंसारी को विरासत में मिला था बाबरी मस्जिद केस
इक़बाल अंसारी 450 वर्ष पुराने राम जन्म भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे हैं. उनकी पीढ़ियों ने ये लड़ाई लड़ी है. वर्ष 2016 में पिता हाशिम अंसारी की मौत के बाद उन्हें ये केस विरासत में मिला था. उच्चतम् न्यायालय (SC) में जब तक इस विवाद पर दलीलों और सुनवाइयों का सिलसिला चला, तब तक इक़बाल अंसारी ने विवादास्पद भूमि पर हिन्दुओं के अधिकार का विरोध ही किया. जब सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद भूमि पर राम मंदिर निर्माण का आदेश दिया, तो इकबाल अंसारी ने इस फैसले को दिल से स्वीकार किया.
उनका राम जन्म भूमि विवाद से कोई लेना-देना नहीं था. उनके पिता हामिद अंसारी ये केस लड़ रहे थे, 1949 में जब यह केस न्यायालय में गया, तब से वे मुस्लिम पक्षकारी कर रहे थे.
राम मंदिर भूमिपूजन का निमंत्रण-पत्र आया सामने, पीले रंग के कार्ड पर शुभ घड़ी का आमंत्रण
‘अयोध्या निरंतर चलती रहेगी’
इकबाल अंसारी ने बाबरी मस्जिद की लड़ाई जरूर लड़ी लेकिन हिंदू मुस्लिम एकता के वे घोर समर्थक हैं. उनका कहना है कि ये अयोध्या की संस्कृति है. यहां न आलिम की चलेगी न जालिम की, अयोध्या यूं ही बहती रहेगी. अंसारी बताते हैं कि जब अयोध्या मुद्दे पर सुनवाई वाले दिन उनके पिता मरहूम हामिद अंसारी और हिन्दू पक्षकार स्वर्गीय महंत रामचंद्रदास एक ही रिक्शा या तांगे में बैठ कर कोर्ट जाते थे.
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